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Shiv Aarti Lyrics in Hindi & English PDF Download | शिव आरती हिंदी में

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“Discover the deep meaning behind the “Shiv Aarti” hymn, an ode to Lord Shiva, the lord of creation, preservation, and destruction. Explore the powerful lyrics that portray his various forms and attributes, as well as his abode in Kashi, and emphasize his unity with other supreme deities in Hinduism. Experience the inspiration, devotion, and reverence this hymn inspires in the hearts of devotees around the world.”

Shiv Aarti Lyrics in Hindi & English PDF Download

Shiv Aarti Video Song with Lyrics | Shiv Ji Ki Aarti Lyrics

Shiv Aarti Video Song with Lyrics Download

https://songlyrics.shonali18.com/shiv-aarti-lyrics/At47S7TIUCI

Shiv Aarti Lyrics in Hindi | शिव आरती हिंदी में

ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा |
ब्रह्मा, विष्णु सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ||
ॐ जय शिव ओंकारा || 

एकानन चतुरानन, पंचानन राजै |
हंसासन गरुड़ासन, वृषवाहन साजै ||
ॐ जय शिव ओंकारा || 

दो भुज चार चतुर्भुज, दशभुज अति सोहे |
त्रिगुण रूप निरखते, त्रिभुवन जन मोहे॥
ॐ जय शिव ओंकारा || 

अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी |
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा || 

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥ 

कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूलधारी।
सुखकारी दुखहारी, जगपालन कारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥ 

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
प्रणवाक्षर के मध्ये, यह तीनों एका ॥
ॐ जय शिव ओंकारा || 

काशी में विश्वनाथ विराजे, नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

त्रिगुणस्वामी जी की आरती जो कोइ नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी, मनवांछित फल पावे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

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Shiv Aarti Lyrics in English |Shiv Ji Ki Aarti Lyrics

Om Jai Shiv Omkara,Swami Jai Shiv Omkara।

Brahma, Vishnu, Sadashiv,Ardhangi Dhara॥

Om Jai Shiv Omkara॥

Ekanan ChaturananPanchanan Raje।

Hansanan, GarudasanVrishvahan Saje॥

Om Jai Shiv Omkara॥

Do Bhuj, Chaar ChaturbhujDashabhuj Ati Sohe।

Trigun Roop NirakhateTribhuvan Jan Mohe॥

Om Jai Shiv Omkara॥

Akshamala VanamalaMundamala Dhari।

Tripurari KansariKar Mala Dhari॥

Om Jai Shiv Omkara॥

Shvetambar PitambarBaaghambar Ange।

Sankadik GarunadikBhootadik Sange॥

Om Jai Shiv Omkara॥

Kar Ke Madhya KamandaluChakra Trishuldhari।

Sukhakari DukhahariJagpalan Kari॥

Om Jai Shiv Omkara॥

Brahma Vishnu SadashivJanat Aviveka।

Pranavakshara MadhyeYe Tinon Eka॥

Om Jai Shiv Omkara॥

Lakshmi Va SavitriParvati Sanga।

Parvati Ardhangi,Shivalahari Ganga॥

Om Jai Shiv Omkara॥

Parvat Sauhen Parvati,Shankar Kailasa।

Bhaang Dhatoor Ka Bhojan,Bhasmi Me vaasa॥

Om Jai Shiv Omkara॥

Jataa Me Ganga Bahat Hai,Gal Mundan Mala।

Shesh Naag Liptavat,Odat Mrigchhala॥

Om Jai Shiv Omkara॥

Kashi Me Viraje Vishwanath,Nandi Brahmchari।

Nit Uth Darshan Paavat,Mahima Ati Bhaari॥

Om Jai Shiv Omkara॥

Trigunswami Ji Ki AartiJo Koi Nar Gave।

Kahat Shivanand Swami,Manvanchhit Phal Pave॥

Om Jai Shiv Omkara॥

Shiv Aarti Lyrics PDF Download | शिव आरती हिंदी में pdf

Shiv Aarti Lyrics in Translation into English

Om Jai Shiva Omkara, Swami Jai Shiva Omkara |
Brahma, Vishnu Sadashiva, Ardhanga Dhara ||
Om Jai Shiva Omkara ||

Ekanan Chaturanan, Panchanan Rajai |
Hansasana Garudasana, Vrishwahana Sajai ||
Om Jai Shiva Omkara ||

Two sides, four quadrilaterals, and ten sides
Triguna form Nirakhte, Tribhuvan Jan Mohe.
Om Jai Shiva Omkara ||

Akshamala Vanmala Mundmala Dhari |
Tripurari Kansari Kar Mala Dhari
Om Jai Shiva Omkara ||

Shwetambar Pitambar Baghambar Ange.
Sankadik Garunadik Bhutadik Sange
Om Jai Shiva Omkara

Kar k Madhya Kamandalu Chakra Trishul Dhari.
Joyful, painful, world-loving.
Om Jai Shiva Omkara

Brahma Vishnu Sadashiv Janat Aviveka.
In Pranavakshara K, these three are one.
Om Jai Shiva Omkara ||

Vishwanath Viraje, Nandi Brahmachari in Kashi.
Nita gets up and sees, the glory is very heavy.
Om Jai Shiva Omkara

Trigunaswami ji ki aarti which koi nar villages.
Says Sivananda Swami, May the desired fruit be obtained.
Om Jai Shiva Omkara

Shiv Aarti Lyrics in Meaning in Hindi

ओम जय शिव ओमकारा एक लोकप्रिय हिंदू भक्ति गीत है जिसे “शिव आरती” के रूप में जाना जाता है। यह हिंदू धर्म के तीन सर्वोच्च देवताओं में से एक भगवान शिव को समर्पित एक स्तोत्र है। यह गीत भगवान शिव और उनके विभिन्न रूपों और गुणों की स्तुति करता है, और पूजा या पूजा के दौरान भक्तों द्वारा गाया जाता है।

गीत की शुरुआती पंक्तियाँ, “ओम जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा | ब्रह्मा, विष्णु सदाशिव, अर्धांग धारा || ओम जय शिव ओंकारा ||” मतलब “हे भगवान शिव, आपकी जय हो! आप ब्रह्मा और विष्णु के साथ-साथ ब्रह्मांड को बनाए रखने वाले हैं, जो सृजन और संरक्षण का प्रतिनिधित्व करते हैं। आप संहारक भी हैं, जो परिवर्तन लाते हैं। हम आपको अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, हे शिव।

अगली पंक्तियाँ, “एकानन चतुरानन, पंचानन राजाई | हंसासन गरुड़ासन, वृषभाना सजै || ओम जय शिव ओंकारा ||” भगवान शिव के विभिन्न रूपों और अभिव्यक्तियों का वर्णन करें। वह एक ही चेहरे (एकानन) के साथ-साथ चार चेहरों (चतुरन) के साथ है, जो उसके सर्वव्यापी स्वभाव का प्रतिनिधित्व करता है। वह पांच चेहरों (पंचानन) वाला भी है, जो एक हंस (हंसासन), एक ईगल (गरुड़ासन) और एक बैल (वृषवाहन) पर सवार होता है।

निम्नलिखित पंक्तियाँ, “दो भुजाएँ, चार चतुर्भुज, और दस भुजाएँ, त्रिगुण रूप निरखते, त्रिभुवन जन मोहे। ॐ जय शिव ओंकार ||” भगवान शिव के त्रिशूल या त्रिशूल का उल्लेख करें, जिसमें दो भुजाएँ या भुजाएँ, चार त्रिकोणीय मुख या चतुर्भुज और दस दिशाएँ हैं। यह तीन गुणों या प्रकृति के गुणों – सत्व, रजस और तमस – पर उनके नियंत्रण का प्रतीक है जो सभी प्राणियों में मौजूद हैं। उनका रूप समझ से परे है और यह संपूर्ण ब्रह्मांड को अपनी ओर आकर्षित करता है।

भगवान शिव को मोतियों की विभिन्न माला पहने हुए भी दर्शाया गया है, जैसा कि “अक्षमाला वनमाला मुंडमाला धारी | त्रिपुरारि कंसारी कर माला धारी ओम जय शिव ओमकारा ||” पंक्ति में वर्णित है। वह रुद्राक्ष की माला (अक्षमाला), जंगल के फूलों की माला (वनमाला), और खोपड़ियों की माला (मुंडमाला) के साथ-साथ काम के लिए धनुष पिनाक और तीर धारण करता है। वह अपने गले में एक सर्प (कंसारी कर माला धारी) से भी सुशोभित है।

पंक्ति “श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे। सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ओम जय शिव ओंकारा” भगवान शिव की पोशाक का वर्णन करता है। वह सफेद (श्वेतांबर) और पीले (पीतांबर) वस्त्रों में लिपटा हुआ है, और उसका शरीर बाघ की खाल (बाघंबर) से भी सुशोभित है। वह विभिन्न प्राणियों से घिरा हुआ है, जिसमें इंद्र और गरुड़ जैसे देवताओं के साथ-साथ राक्षस और भूत भी शामिल हैं (सनकदिक गरुणादिक भूतादिक संगे)।

भगवान शिव को विभिन्न वस्तुओं को धारण करने का भी चित्रण किया गया है, जैसा कि “कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धारी। हर्षित, दर्दनाक, विश्व-प्रिय। ओम जय शिव ओंकारा” में वर्णित है। वह अपने हाथों में एक पानी का बर्तन (कमंडलु), एक डिस्क (चक्र), और एक त्रिशूल (त्रिशूल) रखता है। भगवान शिव के तीन गुण हर्षित, दर्दनाक और विश्व-प्रेमी हैं, क्योंकि वे प्रकृति के रचनात्मक और विनाशकारी दोनों पहलुओं का प्रतीक हैं।

रेखा “ब्रह्म विष्णु सदाशिव जनत अविवेका। प्रणवक्षरा के में, ये तीन एक हैं। ओम जय शिव ओमकारा ||” हिंदू धर्म में तीन सर्वोच्च देवताओं – ब्रह्मा, विष्णु और शिव की एकता पर प्रकाश डाला गया है। वे सभी अंततः एक ही हैं, और यह पवित्र शब्दांश “ओम” या “ओम्” द्वारा दर्शाया गया है, जिसमें इसके भीतर सभी ध्वनियाँ और कंपन शामिल हैं। इस शब्दांश को प्रणवक्षरा भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है जीवन की ध्वनि।

निम्नलिखित पंक्तियाँ “विश्वनाथ विराजे, काशी में नंदी ब्रह्मचारी। नीता उठती हैं और देखती हैं, महिमा बहुत भारी है। ओम जय शिव ओंकारा” वाराणसी या काशी के पवित्र शहर में भगवान शिव के निवास का उल्लेख करते हैं। उन्हें विश्वनाथ या ब्रह्मांड के स्वामी के रूप में जाना जाता है, और उनके वफादार सेवक बैल नंदी के साथ उनकी पूजा की जाती है। काशी में भगवान शिव की भव्यता को देखकर भक्त को विस्मय और श्रद्धा का अनुभव होता है।

गीत की अंतिम पंक्ति, “त्रिगुणस्वामी जी की आरती जो कोई नर गाँव। शिवानंद स्वामी कहते हैं, मनोवांछित फल प्राप्त हो। ओम जय शिव ओंकारा” का अर्थ है कि भगवान शिव की यह आरती या भजन दुनिया भर के भक्तों को प्रिय है। शिवानंद स्वामी, एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक नेता, भगवान शिव के आशीर्वाद का आह्वान करते हैं और भक्त की इच्छाओं की पूर्ति के लिए कहते हैं।

कुल मिलाकर, “शिव आरती” सृजन, संरक्षण और विनाश के देवता भगवान शिव की एक सुंदर और शक्तिशाली स्तुति है। यह उनके विभिन्न रूपों और विशेषताओं के साथ-साथ काशी में उनके निवास को चित्रित करता है, और हिंदू धर्म में अन्य सर्वोच्च देवताओं के साथ उनकी एकता पर जोर देता है। यह गीत भक्तों के दिलों में भक्ति और श्रद्धा को प्रेरित करता है और भगवान शिव की शक्ति और कृपा की याद दिलाता है।

Shiv Aarti Lyrics in Meaning in English

Om Jai Shiva Omkara is a popular Hindu devotional song known as “Shiva Aarti”. It is a hymn dedicated to Lord Shiva, one of the three supreme deities in Hinduism. The song praises Lord Shiva and his various forms and attributes, and is sung by devotees during puja or worship.

The opening lines of the song, “Om Jai Shiva Omkara, Swami Jai Shiva Omkara | Brahma, Vishnu Sadashiva, Ardhanga Dhara || Om Jai Shiva Omkara ||” mean “O Lord Shiva, glory to you! You are the one who sustains the universe, along with Brahma and Vishnu, who represent creation and preservation. You are also the destroyer, who brings about transformation. We offer our humble salutations to you, O Shiva.”

The next lines, “Ekanan Chaturanan, Panchanan Rajai | Hansasana Garudasana, Vrishwahana Sajai || Om Jai Shiva Omkara ||” describe Lord Shiva’s various forms and manifestations. He is the one with a single face (Ekanan) as well as the one with four faces (Chaturanan), representing his all-encompassing nature. He is also the one with five faces (Panchanan), who rides on a swan (Hansasana), an eagle (Garudasana), and a bull (Vrishwahana).

The following lines, “Two sides, four quadrilaterals, and ten sides, Triguna form Nirakhte, Tribhuvan Jan Mohe. Om Jai Shiva Omkara ||” refer to Lord Shiva’s trident or trishul, which has two prongs or sides, four triangular faces or quadrilaterals, and ten directions. This symbolizes his control over the three gunas or qualities of nature – sattva, rajas, and tamas – that exist in all beings. His form is beyond comprehension and it attracts the entire universe.

Lord Shiva is also depicted as wearing various garlands of beads, as mentioned in the line “Akshamala Vanmala Mundmala Dhari | Tripurari Kansari Kar Mala Dhari Om Jai Shiva Omkara ||”. He holds a rosary of rudraksha beads (Akshamala), a garland of forest flowers (Vanmala), and a garland of skulls (Mundmala) as well as holding the bow Pinak and arrow for Kama. He is also adorned with a serpent around his neck (Kansari Kar Mala Dhari).

The line “Shwetambar Pitambar Baghambar Ange. Sankadik Garunadik Bhutadik Sange Om Jai Shiva Omkara” describes Lord Shiva’s attire. He is draped in white (Shwetambar) and yellow (Pitambar) garments, and his body is also adorned with a tiger skin (Baghambar). He is surrounded by various beings, including gods like Indra and Garuda, as well as demons and ghosts (Sankadik Garunadik Bhutadik Sange).

Lord Shiva is also depicted holding various objects, as mentioned in the line “Kar k Madhya Kamandalu Chakra Trishul Dhari. Joyful, painful, world-loving. Om Jai Shiva Omkara”. He holds a water pot (Kamandalu), a discus (Chakra), and a trident (Trishul) in his hands. The three attributes of Lord Shiva are joyful, painful, and world-loving, as he embodies both the creative and destructive aspects of nature.

The line “Brahma Vishnu Sadashiv Janat Aviveka. In Pranavakshara K, these three are one. Om Jai Shiva Omkara ||” highlights the unity of the three supreme deities in Hinduism – Brahma, Vishnu, and Shiva. They are all ultimately one and the same, and this is symbolized by the sacred syllable “Om” or “Aum”, which contains all sounds and vibrations within it. This syllable is also referred to as Pranavakshara, meaning the sound of life.

The following lines “Vishwanath Viraje, Nandi Brahmachari in Kashi. Nita gets up and sees, the glory is very heavy. Om Jai Shiva Omkara” refer to Lord Shiva’s abode in the holy city of Varanasi or Kashi. He is known as Vishwanath or the lord of the universe, and is worshipped alongside his faithful attendant, the bull Nandi. The devotee feels a sense of awe and reverence when beholding the grandeur of Lord Shiva in Kashi.

The last line of the song, “Trigunaswami ji ki aarti which koi nar villages. Says Sivananda Swami, May the desired fruit be obtained. Om Jai Shiva Omkara” means that this aarti or hymn to Lord Shiva is beloved by devotees across the world. Sivananda Swami, a renowned spiritual leader, invokes the blessings of Lord Shiva and asks for the fulfillment of the devotee’s desires.

Overall, the “Shiva Aarti” is a beautiful and powerful ode to Lord Shiva, the lord of creation, preservation, and destruction. It portrays his various forms and attributes, as well as his abode in Kashi, and emphasizes his unity with the other supreme deities in Hinduism. The song inspires devotion and reverence in the hearts of devotees and serves as a reminder of the power and grace of Lord Shiva.

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Hi! I am Sonali. I am a teacher and I love to write and read. I also like to listen to good songs and review and write down the lyrics. I have three years of experience in writing lyrics. And I am posting this written song on Hinditracks.co.in website so that by reading the lyrics of this song you too can sing and make your heart happy.

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