शाहरुख और गौरी की प्रेम कहानी थोड़ी फिल्मी है। दोनों की मुलाकात एक कॉमन फ्रेंड की बर्थडे पार्टी में हुई थी। इन दोनों की पहली मुलाकात 1984 में हुई थी जब शाहरुख 18 साल के थे और गौरी 16 साल की थीं। पार्टी के दौरान शाहरुख को गौरी बेहद पसंद आईं.
वह उसके साथ डांस करना चाहता था. स्वभाव से शर्मीले शाहरुख ने किसी तरह हिम्मत जुटाई और गौरी को डांस करने के लिए कहा. उस वक्त गौरी को शाहरुख में कोई दिलचस्पी नहीं थी इसलिए उन्होंने यह कहकर डांस टाल दिया कि वह अपने बॉयफ्रेंड का इंतजार कर रही हैं।
अपने एक इंटरव्यू में शाहरुख ने कहा था, ‘जब गौरी ने कहा कि उनका एक बॉयफ्रेंड है तो मुझे निराशा हुई, लेकिन ऐसा कुछ नहीं था। उस वक्त गौरी जहां भी जाती थीं उनके भाई उनके साथ होते थे और वह भी उनके साथ पार्टी में आते थे। गौरी को डर था कि अगर वह मेरे साथ डांस करेगी तो उसका भाई उसे मारेगा। मार के डर से मैंने गौरी से भी कह दिया कि वह मुझे अपना भाई समझे.
उस पार्टी के बाद गौरी और शाहरुख खान की कई बार मुलाकात हुई। दोस्ती हुई और फिर प्यार भी हो गया. गौरी को शाहरुख मेहनती और आत्मविश्वासी लगे।
शाहरुख और गौरी एक दूसरे से शादी करना चाहते थे लेकिन उनकी शादी में सबसे बड़ी बाधा उनके अलग-अलग धर्म थे। ये बात शाहरुख को समझ आ गई, इसलिए शाहरुख ने गौरी के माता-पिता के सामने 5 साल तक हिंदू होने का नाटक किया। इतना ही नहीं शाहरुख ने अपना नाम तक बदल लिया था. काफी पापड़ बेलने के बाद शाहरुख खान ने गौरी के माता-पिता को मनाया और 25 अक्टूबर 1991 को दोनों की शादी हो गई।
फिलहाल शादी के 31 साल बाद भी शाहरुख और गौरी के बीच प्यार का रिश्ता वैसा ही बना हुआ है।